मेथी के तीन पाक अथवा मुख्य उपयोग हैं: 1. एक जड़ी-बूटी के रूप में (सूखे या ताजे पत्ते), एक मसाले (बीज) के रूप में, और एक सब्जी के रूप में (ताजे पत्ते, स्प्राउट्स और माइक्रोग्रीन्स)। स्तनपान कराने वाली माताओं द्वारा अपर्याप्त स्तन दूध की आपूर्ति बढ़ाने के लिए मेथी के बीज का व्यापक रूप से गैलेक्टागॉग (दूध उत्पादक एजेंट) के रूप में उपयोग किया जाता है। इसके बीजों का उपयोग शूल, पेट फूलना, अपच के साथ भूख न लगना, पुरानी खांसी, जलोदर, यकृत और प्लीहा का बढ़ना, सूखा रोग, गठिया और मधुमेह में किया जाता है।
मेथी विटामिन ए, सी और नियासिन का समृद्ध स्रोत है।
मेथी बुखार कम करता है और पाचन में सुधार करता है।
प्रसवोत्तर अथवा प्रसव के बाद की अवधि में महिलाओं द्वारा स्तनपान को प्रेरित करने के लिए बीजों का उपयोग किया जाता है।
मेथी पशु चिकित्सा में औषधीय तौर में प्रयुक्त की जाती है।
इसके बीजों में स्टेरॉयडल पदार्थ ‘डिसोजेनिन’ होता है जो सेक्स हार्मोन और मौखिक गर्भ निरोधकों के संश्लेषण में उपयोगी होता है।
यह कुल कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स को कम करता है।
मेथी के बीजों का लेप तलवों और हथेलियों की जलन को कम करने में उपयोगी होता है।
मेथी के बीजों का उपयोग बच्चे के जन्म को प्रेरित करने और दूध पिलाने वाली माताओं के लिए दूध के प्रवाह को बढ़ाने के लिए किया जाता है।
मेथी के बीज आयरन से भरपूर होने के कारण एनीमिया (16.5 मिलीग्राम/100 ग्राम) में भी उपयोगी होते हैं।
मेथी के पत्तों का सलाद खाने से स्मरण शक्ति बढ़ती है।
मेथी के दानों को घी में भूनकर सौंफ के बीज और नमक मिलाकर पेस्ट बना लिया जाता है, जो दस्त को रोकने के लिए दिया जाता है।
बीजों को भूनकर, चूर्ण बनाकर आसव या कमजोर काढ़ा दिया जाता है, जो पेचिश में बहुत उपयोगी होता है।
मेथी के दानों से तैयार पेस्ट को बार-बार चेहरे पर मलने से त्वचा की चमक बढ़ती है।
नहाने से पहले सिर पर नियमित रूप से ताजी पत्तियों का लेप लगाने से बाल लंबे होते हैं, प्राकृतिक रंग बरकरार रहता है और बाल रेशमी मुलायम रहते हैं।
मुंहासे, ब्लैकहेड्स, चेहरे का रूखापन आदि दूर करने के लिए मेथी के पत्तों को थोड़े से पानी के साथ बारीक पीस लें। इस पेस्ट को रात को सोने से पहले चेहरे पर मलहम की तरह लगाएं, अगले दिन सुबह चेहरे को गर्म पानी से धो लें। यह रंग में सुधार करता है।